STUNNING BEAUTY OF DESERTED LAND-RANN OF KUTCH
वीराने का अद्भुत सौदर्य-कच्छ का रण बचपन में भूगोल विषय में जब नक़्शे में रण ऑफ़ कच्छ देखते थे तो समझ नही आता था यहाँ क्या है.उस समय पर्यटन की सुविधाए नही थी तो आम जनमानस भी कच्छ की यात्रा नही कर पाते थे.अतः तब अधिक जानकारी भी उपलब्ध नही थी..समय गुजरा और पर्यटन में रूचि जागृत हुई तब कच्छ भी विश लिस्ट में आ गया.प्राथमिकता तब भी जाने माने पर्यटन क्षेत्र ही रहे.फिर महानायक के विज्ञापन आने शुरू हुए “कच्छ नही देखा तो कुछ नही देखा” तब पुनः बचपन की भूगोल की पुस्तक याद आ गयी.और इस बार प्लान बन ही गया. गुजरात टूरिज्म द्वारा आयोजित रणोत्सव अपनी आवश्यकताओ के अनुरूप नही था (उसमे मांडवी, नारायण सरोवर आदि क्षेत्र शामिल नही थे)अतः स्वतंत्र योजना बनायीं. भुज तक सीधी ट्रेन हमारी तारीख पर नही थी अतः एक दिन बड़ोदा रुक कर वह से सयाजीनगरी एक्सप्रेस ले कर सुबह 7 बजे भुज पहुचे. कच्छ का पहला दिन काला डोंगर (Black Hill) व सफ़ेद रण स्टेशन से सीधे हमारे होटल सहारा पैलेस पहुचे.साफ़ सुथरा होटल, विनम्र स्टाफ,और 2 बालकनी वाला हमारा रूम अगले 4 दिन हमारा निवास था। नाश्ता आदि निपटा के रिसेप्शनिस्ट से टैक्सी बुक करने क