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CORBETTE NATIONAL PARK

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  कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान पहला दिन विगत कई वर्षो से इस उद्यान का नाम सुनते रहे थे। इसकी प्रसिद्धि किसी भी यायावर के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु थी।जब भारत के मुख्य पर्यटन क्षेत्र देख चुके तो अब राष्ट्रीय उद्यानों को देखने की इच्छा जागी।तभी यूथ हॉस्टल एसोसिएशन द्वारा घोषित 5 दिवसीय फॅमिली कैम्पिंग पर निगाह पड़ी। मात्र 5250/- की न्यून राशी में दो व्यक्तियों के नन्हे से टेंट में रहना नाश्ता खाना किसी को भी आकर्षित कर सकता था।28 नवम्बर को विवाह की वर्षगांठ वही मनाने का निश्चय किया एवं 26 से 30 नवम्बर का कैंप बुक भी कर लिया जो की कालाढूंगी में स्थित था।कालाढूंगी (Kaladhungi) उत्तराखंड राज्य में नैनीताल जिले में एक नगर और नगर पंचायत है। यह जिम कार्बेट के ग्रीष्मकालीन आवास के लिये भी जाना जाता है जो कि अब संग्रहालय बना दिया गया है।वैसे तो दिल्ली से यहाँ पहुचने की बस द्वारा उत्तम व्यवस्था है किन्तु हमने ट्रेन का विकल्प चुना एवं जिम कॉर्बेट लिंक एक्स द्वारा दिल्ली से रात 10 बजे निकल के सुबह लगभग 5 बजे रामनगर पहुचे। बेहद साफ़ सुथरा स्टेशन देख के मन प्रसन्न हो गया। यहाँ रेलवे का रिटायरिंग रूम भी है

COORG or kodagu -SCOTTLAND OF EAST

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कोडगु या कुर्ग  कर्णाटक प्रान्त का एक जिला है। इसका मुख्यालय मडिकेरी में है। पश्चिमी घाट पर स्थित पहाड़ों और घाटियों का प्रदेश कुर्ग दक्षिण भारत का एक प्रमुख पर्यटक स्‍थल है। यह खूबसूरत पर्वतीय स्‍थल समुद्र तल से 1525 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां की यात्रा एक न भूलने वाला अनुभव है। कुर्ग के पहाड़, हरे-भरे जंगल, चाय और कॉफी के बागान मन को लुभाते हैं। कावेरी नदी का उदगम स्‍थान कुर्ग अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा रिवर राफ्टिंग, हाइकिंग, क्रॉस कंट्री और ट्रेल्‍स के लिए भी मशहूर है। बेटी अंकिता की बंगलौर पोस्टिंग के बाद अक्सर वो कुर्ग चलने को कहती थी तो इस वर्षा ऋतू में वही जाने का प्लान किया। साथ में पुणे से बेटे बहु अंशुल और स्वाति को भी बुला लिया। गणेश चतुर्थी की सुबह 7 बजे गणपति बप्पा मोरिया के साथ टवेरा से यात्रा प्रारंभ की। यात्रा का आरम्भ रास्ते में एक जगह लंच लेते हुए लगभग डेढ़ बजे कूर्ग जिले के एक टाउन कुशलनगर पहुचे जहा palm era रिसोर्ट में बुकिंग थी। चेक इन के पश्चात रिवर राफ्टिंग का प्रोग्राम था। कावेरी नदी पे राफ्टिंग- रिसोर्ट से लगभग 10 किमी दूर दुबारे नामक स्थान पे राफ्टिंग कें

MEGHALAY- Beautiful north east

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  मेघालय – शिलोंग , स्कॉटलैंड ऑफ़ दी ईस्ट सुबह गौहाटी स्टेशन पर उतरे और पल्टन बाज़ार तरफ ढेर सारी गाडिया टैक्सी वाले शिलोंग के लिए आवाज़ लगा रहे थे। उनमे से एक मारुती डिजायर में रु.300/-प्रति व्यक्ति किराये में दोनों सवार होके शिलोंग के लिए चल पड़े जो की 100 किमी की दूरी पर स्थित अत्यंत मोहक प्रदेश मेघालय की राजधानी भी है। जैसे जैसे आगे बढे खुबसूरत घुमावदार 4 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग शुरू हो गया। साफ़ सुथरा क्षेत्र। ढाई घंटे की मनमोहक यात्रा के बाद गेस्ट हाउस पहुचे।स्नानादि पश्चात टैक्सी लेकर लोकल एरिया घुमने निकले।(टैक्सी ड्राईवर आपसे 1000 से 1500 तक मांग करेंगे)सबसे पहला पॉइंट एलीफैंट फाल्स। रु.10/- एंट्री टिकट ले के नीचे उतरना शुरू किया। काफी नीचे जा के एक के नीचे एक ऐसे 3 स्टेप में है ये सुन्दर सा वॉटरफॉल जिसमे बारहों महीने पानी बहता है ।साफ़ स्वच्छ ठंडा पानी ऊपर से नीचे बहता है। एलीफैंट फॉल अगला पॉइंट शिलोंग टॉप था। ये जगह सबसे ऊपर की पहाड़ी पे स्थित है और पूरा क्षेत्र एयर फ़ोर्स के नियंत्रण में है और सभी को पास ले के ही प्रवेश मिलता है। यहाँ यह बताना जरुरी है की पूर्वोत्तर में कही

ASSAM & ARUNACHAL

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  अरुणाचल प्रदेश और आसाम  कोई कितना भी दावा कर ले सम्पूर्ण भारत भ्रमण का किन्तु पूर्वोत्तर भारत भी भारत का हिस्सा है ये भूल जाते है अक्सर हम और दार्जिलिंग गंगटोक घूम के पूर्व क्षेत्र भ्रमण का भ्रम पाल लेते है जब कि असल में पूर्वोत्तर की शुरुआत न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के बाद शुरू होती है। पिछले 35 वर्षो के दौरान लगभग हर क्षेत्र दो दो कुछ तीन बार घूम चुकने के बावजूद एक कसक मन में थी ही कि कब आसाम मेघालय अरुणाचल नागालैंड आदि जाने का मौका मिलेगा? दो बार प्रयास भी किया पर पहली बार प्राकृतिक आपदा ने तो दूसरी बार राजनीतिक गतिरोध ने प्लान चौपट कर दिया था। तीसरी बार संयोग यु हुआ कि साले साहब बीएसएनएल में उच्च पद पर पदोन्नत होकर नागालैंड में नियुक्त किये गये एवं उनकी इस नियुक्ति का लाभ हमे यह मिला कि हम उनके मेहमान बनने का स्वप्न देखने लगे। फिर भी एक और बार प्लान निरस्त करना ही पड़ गया था। ट्रैन से माँ गंगा का दर्शन : पहला /दूसरा दिन (रवि/सोम) पर अंततः वो शुभ दिन आ ही गया और एलटीटी कामख्या ट्रेन में इटारसी से 35 घंटे का सफ़र शुरू हुआ। पहली ही बार पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के रास्ते रेल का सफ़र