NORTHERN LIGHTS AT NORWAY


हमारी पृथ्वी अदभुत दृश्यों से भरी हुई है,इन्ही दृश्यों में प्रमुख है उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव के आकाश में 

सर्दियों के महीनों में दिखनेवाली खूबसूरत आतिशबाजी जिसे उत्तर ध्रुवीय आर्कटिक सर्किल में नॉर्दर्न लाइट्स 

या औरोरा बोरियालिस एवं दक्षिण ध्रुव पर औरोरा ऑस्ट्रेलिस कहा जाता है। 

हमारे देश से हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग यूरोप की यात्रा पर जाते है किंतु बहुत कम ही लोग इन्हें देखने जाते है।मुख्य रूपसे ये उत्तर ध्रुवीय देश नॉर्वे,स्वीडन,फ़िनलैंड एवं आइसलैंड से दिखाई देती है।

बचपन से किताबों में पढ़ते आये है इनके बारे में तो एक जिज्ञासा थी की ये कैसी दिखती होगी।और ये भी कि क्या मुझे इसे देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा?

सुयोग से मुझे इस वर्ष नवंबर के महीने में यूरोप की यात्रा का अवसर प्राप्त हुआ और तब नॉर्वे जाने की 

योजना बनायी ताकि इस घटना का प्रत्यक्ष अनुभव लिया जा सके।

नॉर्वे एक अत्यंत ठंडा देश है जहाँ तापमान शून्य से कई कई डिग्री नीचे रहता है और नवंबर में ही नॉर्दर्न 

लाइट्स दिखना शुरू हो जाती है। 

मेरी पुत्री बचपन से जानती थी कि मुझमें नॉर्दर्न लाइट्स देखने की इच्छा बलवती है और विभिन्न 

कारणों से देखना संभव नहीं हो पा रहा था,जब उसकी एमस्टर्डम में नियुक्ति हुई तब 

उसने यूरोप के अन्य देशों के साथ मुझे 3 नवंबर से नॉर्वे ले जाने की योजना भी बनायी।


नॉर्दर्न लाइट्स औरोरा क्या है और क्यों सिर्फ़ ध्रुवीय क्षेत्र में ही दिखायी देती है ? 

अरोरा वायुमंडल के बाहर से आने वाले आवेशित ऊर्जा कणों (इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉनके ऊपरी 

वायुमंडल के परमाणुओं के साथ संपर्क के कारण होता है। ये कण सूर्य द्वारा उत्पन्न सौर वायु के परिणाम स्वरूप पृथ्वी की ओर आते है एवं पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों के आसपास के क्षेत्रों में टकराते है।

 हमारे ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र एक अदृश्य ढाल बनाता है जो हमें इस सौर वायु से बचाता है। उन टकरावों से छोटी-छोटी चमकें उत्पन्न होती हैं जो आकाश को रंगीन रोशनी से भर देती हैं।

 चूँकि क्रम में अरबों कण टकराते है तब विभिन्न चमकें घटित होती हैंऔर आकाश में चलते या नृत्य करते प्रतीत होते हैं।


हम ऐम्सटर्डम से नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में उतरे एवं वहाँ से और अधिक उत्तर में स्थित ट्रॉम्सो नामक एक अत्यंत सुंदर दर्शनीय शहर पहुँचे जहां इसके दिखने की संभावना सर्वाधिक होती है।

बेहद ठंडे शहर में चारों ओर बर्फ की चादर बिछी हुई थी,सड़को पर,मैदानों में,घरों के आसपास और 

छतों पर हर तरफ़ सफ़ेदी।मन प्रसन्नता से अल्हादित था तभी पता चला स्कैंडिनेवियन एयरलाइंस द्वारा 

हमारी सूटकेस ओस्लो में ही छोड़ दी गई थी एवं क़िस्मत से सारे गर्म कपड़े उसी सूटकेस में रखे हुये थे।चूँकि ऐम्सटर्डम में भी काफ़ी ठंड रहती है हम लोगो ने वही से ढेर सारे गर्म कपड़े पहन रखे थे तो उतरते ही 

विशेष परेशानी नहीं हुई किंतु अब अगले दिन सूटकेस आने तक उन्हीं कपड़ों में रहना हमारी मजबूरी थी।

बेहद खूबसूरत समुद्र किनारे के होटल में चेक इन किया।और तभी दोपहर ढाई बजे सूर्यास्त हो गया,ये हमारे लिए एक नया अचंभित करने वाला अनुभव था,

पता लगा सूर्योदय भी सुबह आठ साड़े आठ पर होता है,याने सिर्फ़ घंटे का दिन,अदभुत अनुभव था हमारे लिए ,

मध्य दिसंबर तक तो सूर्य के दर्शन लगभग बंद हो जाते है केवल क्षितिज पर आभास होता है।

यहाँ से नॉर्दर्न लाइट्स के टूर दो प्रकार के आयोजित किए जाते है ,एक विशालकाय बंद बोट से शहर से दूर अंधेरे क्षेत्र में और दूसरा कार द्वारा सड़क मार्ग से शहर से दूर,शहरी प्रकाश से दूर होने से दिखने की संभावना अधिक होती है।हमने तय किया कि हम दोनों मार्गो से देखने जाएँगे।

यहाँ ये उल्लेख करना चाहूँगा कि ये लाइट्स रोज़ दिखाई नहीं देती एवं स्थानीय मौसम विभाग 

इसकी पूर्व घोषणा करता है ( जैसे यहाँ बारिश या गर्मी की),हम पहुँचे उस दिन अवसर कम थे 

किंतु फिर भी हम एक बोट पर सवार होकर निकले,बहुत विशाल वातानुकूलित बोट जिसमे लगभग सौ लोग बैठे थे,

सभी पर्यटक जिनमे सिर्फ़ हम तीन भारतीय थे।शाम सात बजे से रात्रि एक बजे तक इंतज़ार करते रहे पर बहुत थोड़ी सी झलक भर दिखायी दी,

निराश असंतुष्ट लौट रहे थे 

तभी बोट के कैप्टन ने घोषणा की की एक दिन बाद बहुत शानदार दृश्य दिखाई देने के अवसर है एवं 

जो आज निराश हुए है उन्हें अगले दिन बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के पुनः ले जाया जाएगा,

मन प्रफुल्लित हो गया और अचंभित भी,यहाँ दोबारा मौक़ा देने की स्वस्थ परंपरा है जो की पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षक योजना है।


अगले दिन व्हेल सफारी के लिये ऐसी ही एक बोट में निकले और लगभग तीन घंटे की बेहद ठंडी 

समुद्री यात्रा के बाद ट्रॉम्सो से सौ किमी दूर स्केर्जवॉय (Skjervøy, north of Tromsø,) नामक समुद्री क्षेत्र जो हम्पबैक व्हेल्स और ओर्कास( orca याkiller whales) का हंटिंग एरिया है जहां इन्हें बहुतायत में भोजन प्राप्त होता हैसमुद्री मछलियों के झुंड के झुंड)।बेहद ख़राबमौसम,ऊँची ऊँची डरावनी समुद्री लहरों पर सवार बोट और उसके सवार हम सौ डेढ़ सौ पर्यटक

इस बार भी सिर्फ हम दो भारतीय )।समुद्र के चारों ओर बर्फ से लदे हुये पर्वत बहुत ही सुंदर दृश्य ,

उन पर से गिरते जमे हुए जलप्रपात ,ऐसे अदभुत दृश्य देखते साथ ही ईश्वर को याद करते पहुँचे हंटिंग ग्राउंड और भाग्य ने भरपूर साथ दिया और 

तुरंत ही एक के बाद एक कई कई हंपबैक व्हेल्स पानी में अठखेलियाँ करती दिखाई देने लगी,रोमांचित होने की पराकाष्ठा थी मेरे जैसे भारतीयो के लिए,क्योंकि तीन ओर समुद्र से घिरे होने के बावजूद भारत में व्हेल देखने की व्यवस्था नहीं है (और शायद लोगो में उत्सुकता भी नहीं है)।घंटे भर बेहद ठंड में जमते हुये भी खुले डेक से आनंद ले रहे थे तभी एक ओर से ओर्कास का झुंड आता दिखाई दिया,एक के बाद एक अदभुत प्राणीदेखने का प्रथम अवसर था और अति प्रसन्नता से मन सराबोर हो चला था,मन ना होने पर भी लौटना ही था,

कुल मिलाकर आठ घंटे की बेहद डरावनी ठंड से भरी यात्रा में सुखद अनुभव मिले।व्हेल सफारी में फोटो लेना भी बेहद दुष्कर कार्य है,ठंड में जमी हुई उँगलियाँ,हिलती हुई बोट,क्षण मात्र में व्हेल की डुबकी लगा लेना,इसलिए सोचा कि देख लेना ही ज़्यादा अच्छा अनुभव है।






सुबह आठ के निकले शाम चार बजे वापस ट्रॉम्सो पहुँचे और तीन घंटे बाद सड़क मार्ग से नॉर्दर्न लाइट देखने जाना था,आज आवश्यक हुआ तो फ़िनलैंड जा के भी देखेंगे ऐसा कार ड्राइवर ने बताया,उम्मीद थी आज देख पाने की,डिनर कर के निकल पड़े,घुप्प अंधेरा और चारो तरफ़ बिछी बर्फ,हमे ठंड से बचने के लिए 

विशेष परिधान  जूते दिये गये एजेंसी द्वारा,( एक और सुखद अनुभव

लगभग सत्तर अस्सी किमी पहुँच के मुझे ही सब से पहले आसमान का बदला हुआ रंग दिखा,ड्राइवर से पूछा तो उसने तुरंत साइड में कार रोकी और सब बाहर निकले….अदभुत,अद्भुत,अत्यंत अवर्णनीय दृश्य,आसमान हरे रंग में मानो अठखेलियाँ कर रहा था,

यूट्यूब पर देखे वीडियो फीके लगे प्रत्यक्ष देखने पर।फिर तो रात एक बजे तक आगे बढ़ते हुये विभिन्न रंगो में आसमान मानो आतिशबाजी कर रहा है ,

हरा लाल पीला सभी रंगों में रंगा,गर्दन दुखने लगी तो बर्फ पर ही लेट के देखने लगे

(एजेंसी द्वारा नाश्ते चाय आदि की व्यवस्था और साथ ही एक फोटोग्राफर भी ), सब फोटो लेते रहे ,ईर्षा हुई उन से जो नॉर्वे में रहते है क्योंकि अब हमे तो लौटना था,





अगले दिन फिर बोट पे गये किंतु उस दिन ये अदभुत दृश्य देखने कही जाना नहीं पड़ा क्योंकि बोट चली ही नहीं थी की ट्रॉम्सो शहर से ही लाइट्स दिखाई देने लगी,बाद में पता चला उस दिन सूर्य द्वारा बहुत अधिक सौर वायु उत्सर्जित हुई थी एवं नॉर्वे केअलावा दूरस्थ क्षेत्रों जैसे नीदरलैंड ,उत्तरी इंग्लैंड और फ़्रांस तक भी कई 

जगह ये बहुतायत से दिखाई दी ( 5 नवंबर 2023)





नॉर्वे और ट्रॉम्सो में अन्य बहुत से दर्शनीय क्षेत्र है किंतु ये घटना ही सर्वाधिक पर्यटक खिंचती है।

अत्यंत सुंदर पाँच दिवसीय बहुइच्छित बहुप्रतीक्षित यात्रा समाप्त कर ढेर सारी सुंदरतम यादों को 

समेटे पुनः ऐम्सटर्डम लौट आये।


संजीव जोशी

कल्पना नगर 

भोपाल

8989405617

Comments

  1. Sanjeev, you have narrated your experience in such way that it has become my wish to view all these. भाषा बहुत अच्छी है|

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  2. Wonderful experience and your lucid description makes it come alive. It must have been a very unique affair. I will also hear it from you when we meet 🙏 Abir

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